देश की सबसे
बड़ी झील है हुसैन सागर, इस मायने में कि ये इंसान की बनवाई हुई है।
प्राकृतिक नहीं है। इस झील के बीचों बीच खडे हैं विशाल गौतम बुद्ध। यह देश की सबसे बड़ी अखंड बुद्ध प्रतिमा है। इसकी स्थापना इस झील में एक दिसंबर 1992 को की गई थी। इस 200 शिल्पियों ने गणपति सतपथी की अगुवाई में तकरीबन दो साल के समय में तैयार किया था।
इस प्रतिमा को हैदराबाद से 60 किलोमीटर दूर रायगीर की पहाड़ियों के पास निर्मित किया गया था। प्रतिमा की ऊंचाई 17 मीटर है और इसका वजन 320 टन है। इसे रायगीर से यहां तक लाने के लिए बड़ी जुगत लगाई गई थी। कुल 192 पहियों वाले विशेष वाहन से इसे रायगीर से यहां तक लाया गया था। रात में इस बुद्ध प्रतिमा को देखने का अपना अलग आनंद है। रोशनी में नहाई बुद्ध प्रतिमा और भी सुंदर लगती है। बुद्ध प्रतिमा के पास बुद्ध वंदना और त्रिशरण मंत्र लिखे गए हैं। यहां आने वाले सैलानी बुद्ध को हर कोण से निहार लेना चाहते हैं।
सबसे बड़ी मानव निर्मित झील - हुसैन सागर झील का निर्माण एक समय में जल संकट के दौरान शहर को पानी उपलब्ध कराने के लिए कराया गया था। 1562 में इस झील का निर्माण हजरत हुसैन शाह वली ने करवाया था। झील का विस्तार 5.7 वर्ग किलोमीटर में है। वहीं झील की गहराई 32 फीट तक है। इसमें मूसी नदी से नहर बनाकर पानी लाने के इंतजाम किया गया था। तब यह जल संरक्षण का अदभुत नमूना था। अब इस झील के किनारे से होकर खूबसूरत सी सड़क गुजरती है। इस वलयाकार सड़क को नेकलेस रोड कहते हैं जिसका सौंदर्य रात में निखर उठता है। ये नेकलेस रोड मुंबई के मरीन ड्राइव की याद दिलाती है लेकिन कई बार उससे भी ज्यादा खूबसूरत है। ये सड़क हैदराबाद और सिकंदराबाद शहर को जोड़ती भी है।
इस प्रतिमा को हैदराबाद से 60 किलोमीटर दूर रायगीर की पहाड़ियों के पास निर्मित किया गया था। प्रतिमा की ऊंचाई 17 मीटर है और इसका वजन 320 टन है। इसे रायगीर से यहां तक लाने के लिए बड़ी जुगत लगाई गई थी। कुल 192 पहियों वाले विशेष वाहन से इसे रायगीर से यहां तक लाया गया था। रात में इस बुद्ध प्रतिमा को देखने का अपना अलग आनंद है। रोशनी में नहाई बुद्ध प्रतिमा और भी सुंदर लगती है। बुद्ध प्रतिमा के पास बुद्ध वंदना और त्रिशरण मंत्र लिखे गए हैं। यहां आने वाले सैलानी बुद्ध को हर कोण से निहार लेना चाहते हैं।
सबसे बड़ी मानव निर्मित झील - हुसैन सागर झील का निर्माण एक समय में जल संकट के दौरान शहर को पानी उपलब्ध कराने के लिए कराया गया था। 1562 में इस झील का निर्माण हजरत हुसैन शाह वली ने करवाया था। झील का विस्तार 5.7 वर्ग किलोमीटर में है। वहीं झील की गहराई 32 फीट तक है। इसमें मूसी नदी से नहर बनाकर पानी लाने के इंतजाम किया गया था। तब यह जल संरक्षण का अदभुत नमूना था। अब इस झील के किनारे से होकर खूबसूरत सी सड़क गुजरती है। इस वलयाकार सड़क को नेकलेस रोड कहते हैं जिसका सौंदर्य रात में निखर उठता है। ये नेकलेस रोड मुंबई के मरीन ड्राइव की याद दिलाती है लेकिन कई बार उससे भी ज्यादा खूबसूरत है। ये सड़क हैदराबाद और सिकंदराबाद शहर को जोड़ती भी है।
हुसैन सागर थोड़ी दूरी
पर ही हैदराबाद का प्रसिद्ध बिड़ला मंदिर है। इस मंदिर से शहर का बड़ा ही खूबसूरत
नजारा दिखता है। कुछ साम्यता हैदराबाद और भोपाल में नजर आती हैं। वहां भी ऊंचाई पर
बिड़ला मंदिर और ताल तलैया है। भोपाल की बड़ी झील में हाल में राजा भोज की विशाल
प्रतिमा लगी है। तो हैदराबाद के हुसैन सागर लेक में बीचों बीच गौतम बुद्ध की
ग्रेनाइट की बनी विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है।

कैसे पहुंचे - हुसैन सागर झील में स्थित गौतम बुद्ध की इस प्रतिमा तक जाने के लिए लुंबिनी पार्क से मोटर बोट, स्टीमर लाउंज चलते हैं। इसमें आप आने और जाने का एक
साथ टिकट लेकर बुद्ध मूर्ति तक जा सकते हैं। तेलंगाना टूरिज्म की ओर से गौतम बुद्ध प्रतिमा तक आने और जाने का टिकट 55 रुपये का है। इसमें आप प्रतिमा के पास अपनी मन मुताबिक समय तक ठहर सकते हैं। आने जाने के लिए लगातार फेरी सेवा चलती रहती है। वहां पर फोटोग्राफर प्रतिमा के साथ आपकी इंस्टैंट तस्वीर भी उतारने के लिए प्रस्तुत रहते हैं। आप चाहें तो यादगारी फोटो भी बनवा सकते है।
- vidyutp@gmail.com
( HYDRABAD, HUSAIN SAGAR LAKE, BUDDHA, LUMBINI PARK )
- vidyutp@gmail.com
( HYDRABAD, HUSAIN SAGAR LAKE, BUDDHA, LUMBINI PARK )
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