
हमारा नया पड़ाव था गांव बगदिया। हमारे पुराने साथी जय सिंह जादोन का गांव है। जय सिंह भाई एक संयुक्त परिवार में रहते हैं। पांच सौ बीघे जमीन है। मतलब इलाके के जमींदार जैसे हैं। पर परिवार में एक समाजसेवक पैदा हो गया है। बाकी भाई खेती बाड़ी देखते हैं।
खेती से अच्छी खासी
आमदनी होती है। बच्चे गांव से बाहर जयपुर, सवाई माधोपुर,
ग्वालियर जाकर पढ़ते हैं। खेत सोना उगलते हैं लेकिन बैंक बैलेंस
नहीं बनता है। क्योंकि परिवार के बड़े-बुजुर्ग हर शाम खट्टा पाणी पीने के शौकीन
है। मुझे यहीं पता चला शराब को स्थानीय भाषा में इसी नाम से बुलाते हैं।
पूरे गांव में खट्टा
पाणी का रिवाज है। हालांकि सामाजिक कार्यकर्ता इसके खिलाफ भी लोगों को जागरूक करने
में जुटे हैं। जादोन परिवार की महिलाओं ने बताया कि बड़े तो एक ट्रैक्टर की कीमत
के बराबर हर साल तरल पदार्थ गले के नीचे उतार लेते हैं।
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
(BAGADIA, CHAMBAL, SHEOPUR, JAI SINGH JADON )
(BAGADIA, CHAMBAL, SHEOPUR, JAI SINGH JADON )
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