खटखड़ कलां। यानी भगत
सिंह के परिवार का गांव। कई लोग इसे शहीद भगत सिंह का गांव कहते हैं। काफी हद तक
सही भी है। क्योंकि 1947 में देश आजाद होने के बाद शहीद भगत सिंह की माता विद्यावती कौर जब तक
जीवित रहीं, इसी गांव में रहीं। माता विद्यावती कौर का निधन एक जून 1975 को दिल्ली के एक अस्पताल में हुआ। हालांकि भगत सिंह खुद कभी इस गांव में नहीं आए। आते भी कैसे वे 23 साल की उम्र में ही 23 मार्च 1931 को फांसी पर चढ़ गए थे। भगत सिंह का जन्म लायलपुर जिले के बंगा गांव ( अब पाकिस्तान ) में हुआ था।
जालंधर
में रहते हुए हमें भगत सिंह के इस गांव में जाने का मौका मिला। जालंधर से पहले
फगवाड़ा से नवांशहर जाने के मार्ग में नवांशहर से ठीक पहले आता है खटकड़ कलां
गांव। भगत सिंह के शहादत दिवस 23 मार्च और उनके जन्म दिन पर सितंबर में यहां कई आयोजन
होते हैं। ऐसे ही एक 23 मार्च को मैं व हमारे पत्रकार साथी विनय राय खटखड़ कलां
गांव में पहुंचे। शहीद के गांव की धुलि को वंदन करने।
भगत सिंह की यादें हैं यहां - चंडीगढ़ नवांशहर हाईवे पर
भगत सिंह की याद में एक म्यूजिम बना है। सड़क से थोड़ी दूर चलकर जब आप गांव में
प्रवेश करेंगे तो शुरूआत में भी भगत सिंह का जवद्दी घर आता है। इस घर की अभी भी
मूल स्वरुप में संजो कर रखा गया है। वह खाट जिस पर शहीद की मां सोती थी। वह चक्की
जिसे वे पीसा करती थीं। घर में भगत सिंह से जुड़ी कई और स्मृतियां भी हैं।
भगत सिंह के भांजे जगमोहन सिंह ( लुधियाना) के अथक प्रयास से कई चीजों का संरक्षण किया गया है। खटखड़ कलां गांव में हमें कई ऐसे बुजुर्ग लोग मिले जिन्हें पंजाब माता की याद है। माता विद्यावती कौर को लोग सम्मान से पंजाब माता कहते थे। पर कुछ सालों बाद ऐसी कहानियां सुनाने वाले लोग नहीं रह जाएंगे।

भगत सिंह के भांजे जगमोहन सिंह ( लुधियाना) के अथक प्रयास से कई चीजों का संरक्षण किया गया है। खटखड़ कलां गांव में हमें कई ऐसे बुजुर्ग लोग मिले जिन्हें पंजाब माता की याद है। माता विद्यावती कौर को लोग सम्मान से पंजाब माता कहते थे। पर कुछ सालों बाद ऐसी कहानियां सुनाने वाले लोग नहीं रह जाएंगे।
मिट्टी से मिलती है प्रेरणा - हालांकि पंजाब में
कई शहरों में तमाम दर्शनीय स्थल हैं। लेकिन खटखड़कलां एक ऐसा गांव जहां जाकर उसकी
मिट्टी को नमन कर एक अलग किस्म की प्रेरणा मिलती है। कुर्बानियों से बलिदानों से
मिली आजादी और विरसे को बचाने की। पंजाब सरकार ने जब एक नया जिला नवांशहर बनाया तब
इसका नाम ही शहीद भगत सिंह के नाम पर रख देना चाहिए था।
- -खटखड़कलां गांव के बाहर मुख्य सड़क पर एक छोटे से संग्रहालय का निर्माण कराया गया है। यहां पर भगत सिंह की एक प्रतिमा भी स्थापित की गई है।
( (KHATKAD KALAN, NAWAN SHAHAR, SHAHEED BHAGAT SINGH, PUNJAB)
कैसे पहुंचे - खटकड़ कलां पहुंचने के लिए निकटतम बड़ा शहर फगवाड़ा है। जालंधर लुधियाना के बीच स्थित फगवाड़ा से खटकड़कलां की दूरी 26 किलोमीटर है। फगवाड़ा से लोकल ट्रेन का मार्ग भी है। नवां शहर जैजो जाने वाले मार्ग पर खटकड़कलां रेलवे स्टेशन भी है। नवांशहर जिला मुख्यालय के खटकड़कलां नौ किलोमीटर पहले पड़ता है।
- ---- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com ( (KHATKAD KALAN, NAWAN SHAHAR, SHAHEED BHAGAT SINGH, PUNJAB)
No comments:
Post a Comment