हमारा पहला
पड़ाव बना गांव रायपुरा। श्योपुर तहसील की 54 पंचायतों
को साक्षर बनाने का प्रोजेक्ट लिया था महात्मा गांधी सेवा आश्रम ने। जौरा से मुझे
और दिग्विजय नाथ सिंह को आश्रम के लोगों ने जिस गांव में भेजा यह गांव रायपुरा
श्योपुर शहर से महज चार किलोमीटर आगे है। हम एक अमीर जाट परिवार के मेहमान बने।
वैसे इस गांव में ब्राह्मण पंजाबी जाटव आदि बिरादरी के लोग भी हैं। गांव
का काफी शहरी करण हो चुका है। औरतें घाघरा-चोली पहनती हैं तो कई साड़ी पहनती हैं।
हमारे मेजबान के घर में ट्रैक्टर, मोटर साइकिल, कलर टीवी, फ्रिज वीसीआर, कूलर,
पंखे और बैंक बैलेंस सब कुछ है। वे गांव के सरपंच भी हैं। घर में
सारे पुरूष साक्षर हैं लेकिन महिलाए नहीं पढ़ी। अक्सर इलाके के परिवार अपनी लुगाई
को ज्यादा आजादी देने की बात नहीं सोचते।
हेमलता सत्रह साल की गोरी, पतली, सुंदर है। नीली लहंगा चुनरी और दुपट्टा डालती
है। दोपहर में जब बात हुई तो पता चला थोड़ी बुद्धिजीवी भी है। दादा ने स्कूल नहीं
जाने दिया लेकिन छोटे भाई की किताबों से इसने पढ़ना सीख लिया।
पहली शाम
हमने घर के रिवाज के मुताबिक सबके साथ शाम सात बजे ही रात का डिनर जीम लिया। खाने
में चुपड़ी बाटी, लसौड़े और कैरी का अचार, गेहूं
से बने बड़े-बड़े लड्डू। इसमें खूब देसी घी भी है। मेजबान ने अपने जनाना घर में
परिवार के साथ बिठाकर खिलाया। कोई भेदभाव नहीं। छत पर पूरा परिवार एक साथ सोता है।
हमारे लिए भी दो खाट लगा दी गई। खाने के बाद चांदनी रात में घंटो गप्पें।
हेम की शादी
हो गई है। उसकी छोटी बहन विमला जो पंद्रह साल की है उसकी भी शादी हो गई है। यही
नहीं दसवीं क्लास में पढ़ने वाले उसके छोटे भाई 14 साल के पूरन का भी ब्याह हो गया
है। लेकिन अभी बहू घर नहीं आई।
पूरन ने
बताया कि उसकी पत्नी के दो उपर के दांत कुछ बाहर निकले हुए हैं। इसलिए वह विचार कर
रहा है कि गौना कराकर बीवी को लाएगा नहीं बल्कि उसे छोड़ देगा। पर हेम कहती है कि
ऐसा ठीक नहीं है। अगर हमारे परिवार के साथ भी कोई ऐसा करे तो हमे कैसा लगेगा...
रायपुरा में ऐतिहासिक बावड़ी
रायपुरा गांव में हमने ऐतिहासिक
बावड़ी देखी। ये बावड़ी श्योपुर से गांव पहुंचने पर सड़क के बाईं तरफ स्थित है।
इसमें तीन मंजिले हैं। सबसे नीचे वाली मंजिल पर पानी के दर्शन होते हैं। बावड़ी के
चारों तरफ शानदार बारादरी बनी है। इस पर संवत 1791 में निर्माण होने की तारीख लिखी हुई है। पर बावड़ी आज भी अच्छी हालत में
है।
- - विद्युत
प्रकाश मौर्य
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