
बारह साल की
रिंकी परियों जैसी खूबसूरत है। सातवीं क्लास में पढ़ती है। रिंकी को देखकर हजारों
मील दूर अपनी सबसे छोटी बहन याद आ जाती है। मैं जब रायपुरा में बच्चों के बीच
सामूदायिक खेल सीखाने लगा तो रिंकी को भी शामिल होने को कहा। लेकिन रिंकी ने मना
कर दिया। उसने कहा लड़कों से तो दूर ही रहना चाहिए। उनके साथ कुछ नहीं करना चाहिए।
पूछने पर पता चला कि रिंकी की शादी हो गई है। लेकिन रिंकी पढ़ाई को लेकर बहुत
जागरूक है।
रिंकी की छह
बहने हैं। लेकिन सभी पढ़ रही हैं। अब रिंकी अपनी अनपढ़ मां को भी पढ़ा रही है।
पिता ने रिंकी की कम उम्र में शादी कर दी उसको लेकर रिंकी को कोई मलाल नहीं है।
रिंकी कहती है पिता को छह बेटियों की शादी करनी थी। उन्हे सबकी चिंता लगी रहती थी।
मैंने पूछा
शादी के दौरान तुमने जोड़ा पहना था। हां, पर बड़ी मुश्किल हुई थी। तूने घूंघट भी काढ़ा होगा.. हां, अपने ससुर से..तू ससुराल कितने दिन रही...दो दिन...तेरे पति का नाम क्या
है। उसके चेहरे पर शर्म की हल्की सी लालिमा आ गई। उसने कहा लिखकर बताऊं। फिर उसने
जमीन पर गेहूं के सींक से लिखा- राम निवास। मैंने पूछा क्या अपने पति को पहचान
सकती हो। जब शादी में देखा ही नहीं तो पहचान कैसे सकती हूं।
भले ही
रिंकी की शादी हो गई लेकिन वह कई साल तक गौने नहीं जाएगी। अपनी पढ़ाई जारी रखेगी।
वह बड़ी होकर मास्टर बनना चाहती है। रिंकी ने बताया कि एक मास्टरनी को तनख्वाह में
सौ सौ के 19 नोट मिलते हैं।
रिंकी की
बड़ी इच्छा थी कि मैं उसके घर चलूं और उसकी मां से मिलूं। लेकिन हमारे पास समय का
अभाव था। हम मिल नहीं सके। लेकिन रिंकी ने कई बार आकर कहा कि मेरी मां तुम दोनों
मास्टरों से मिलना चाहती है। अब रिंकी बड़ी हो गई होगी शायद वह
किसी स्कूल में मास्टर भी बन गई होगी।
- - विद्युत प्रकाश मौर्य -vidyutp@gmail.com
(CHAMBAL, RINKY, SCHOOL TEACHER )
(CHAMBAL, RINKY, SCHOOL TEACHER )
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