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अलबर्ट एबिड (सौ नरेंद्र लूथर की पुस्तक) |
देश के तमाम महानगरों में तेजी
से शापिंग माल्स खुल रहे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि हैदराबाद शहर में काफी
पहले से एक व्यवस्थित शापिंग माल मौजूद है। हैदराबाद के लोग इसे एबिड्स के नाम से
जानते हैं। ये नामपल्ली रेलवे स्टेशन के पास ही है।
एबिड्स का मतलब है हैदराबाद का
दिल। एबिड्स का नाम अलबर्ट एबिड के नाम पर है। हैदराबाद के छठे निजाम के समय जेविश
मूल के अलबर्ट एबिड ने यहां पहली दुकान खोली। कहा जाता है जेविश धर्म भारत में
बाहर से आने वाले सबसे पुराने धर्मों में से एक है। अलबर्ट एबिड छठे निजाम महबूब
अली शाह आसफ जह (1869-1911) का
खास सेवक और प्रबंधक था। अलबर्ट एबिड ने एनी इवान्स से विवाह किया था जो निजाम के
बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाती थी। शादी के बाद उसने अपना नाम अलबर्ट एबिड इवान्स रख
लिया था। यानी पत्नी का नाम अपने नाम के
साथ जोड़ा। भारत में अक्सर पत्नियां जोड़ती हैं पति का नाम। बाद में दोनों
ब्रिटेन चले गए थे। कहा जाता है कि कई शहरों के शोध के बाद यहां एबिड्स में ऐसे
अनूठे बाजार का निर्माण कराया गया जहां एक ही छत के नीचे सब कुछ मिलता हो। यह था
देश का पहला डिपार्टमेंटल स्टोर।
एबिड्स से पहले ये जगह मुस्तफा
बाजार के नाम से जानी जाती थी। छठे निजाम की मुलाकात एबिड से कोलकाता में हुई।
उनके आमंत्रण पर वह हैदराबाद आया और उसने अपना स्टोर खोला।यह स्टोर कई मामलों में अनूठा हुआ करता था।
एक ऐसा मार्केटिंग कांप्लेक्स
जहां जूते चप्पल,
गहने, कपड़े, खानेपीने
से लेकर और वह सब कुछ जो आप ढूंढने निकले हों मिलता है। आजादी से पहले से हैदराबाद
के लोगों का महत्वपूर्ण शापिंग प्वाइंट रहा है एबिड्स।
एबिड्स के पास ही स्थित है
हैदराबाद का आइकोनिक ताजमहल होटल जो 1903 में बना था। यहां स्थित है 1867 का बना प्रोटेस्टेंट
मतावलंबियों का सेंट जार्ज चर्च। एबिड्स में आज भी हर तरह का बाजार है। हैदराबाद
की सबसे प्रसिद्ध जी पुल्ला रेड्डी की मिठाइयों की दुकान भी है। हालांकि बदलते वक्त के साथ अब एबिड्स भी बदल
रहा है। यहां बिग बाजार खुल गया है। ब्रांड फैक्ट्री भी खुल गई है। भीड़ बढ़ गई है
पार्किंग की समस्या होने लगी है।
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