हरियाणा का
शहर पानीपत। दिल्ली से 90 किलोमीटर उत्तर की ओर। पानीपत को इतिहास में तीन बड़ी
लड़ाइयों के लिए जाना जाता है। पर पानीपत के साथ इतिहास के कई और रोचक पन्ने जुड़े
हुए हैं।
पानीपत की इन ऐतिहासिक लड़ाइयों पर कई पुस्तकें लिखी गई हैं। इसका पता मुझे पानीपत जाने के बाद चला। वह 2005 का साल था। तब मैं दैनिक जागरण के लुधियाना संस्करण में कार्यरत था जब मुझे पानीपत में काम करने का मौका मिला।
दिल्ली के पास और एक ऐतिहासिक स्थल इसलिए मैंने हां कर दी। यहां मेरे एक पुराने वकील दोस्त हैं जसबीर राठी। हमने एक साथ एमएमसी का पत्रचार पाठ्यक्रम किया था गुरू जांभेश्वर यूनिवर्सिटी, हिसार से। सो पानीपत आने पर मैं दस दिन जसबीर राठी के घर में ही रहा। पानीपत के ऐतिहासिक सलारजंग गेट पास है उनका घर।
![]() |
पानीपत का ऐतिहासिक सलारजंग गेट |
हालांकि पानीपत शहर कहीं
से खूबसूरत नहीं नजर आता। पर कई यादें पानीपत के साथ जुड़ी हैं। तीन ऐतिहासिक
लड़ाईयों के अलावा भी पानीपत में कई ऐसी चीजें हैं जो शहर की पहचान है। इब्राहिम
लोदी की मजार, काबुली
बाग मस्जिद, मराठों का बनवाया हुआ देवी मंदिर, तीसरी लड़ाई की स्मृतियां संजोए काला अंब के अलावा यहां महान सूफी संत बू
अली शाह कलंदर की दरगाह है।
मलाई, मच्छर
और मुसलमान - आजादी से पहले पानीपत मूल रूप से मुसलमानों का शहर था। यहां घर घर
में करघे चलते थे। बेडशीट, चादर
आदि बुनाई का काम तेजी से होता था। हमारे एक दोस्त एडवोकेट राम मोहन सैनी बताते
हैं कि पानीपत शहर तीन म के लिए जाना जाता था। मलाई, मच्छर
और मुसलमान। अब न मुसलमान हैं न मलाई पर मच्छर जरूर हैं। 1947 में बंटवारे के बाद
ज्यादातर मुसलमान पाकिस्तान चले गए। बाद में पाकिस्तान से आए हिंदू बुनकर परिवारों
को यहां बसाया गया।
पचरंगा अचार का शहर - अब
पानीपत हैंडलूम और पचरंगा अचार के शहर के रूप में जाना जाता है। बेडशीट, चादर, तौलिया, सस्ती
दरियां और कंबल के निर्माण का बहुत बड़ा केंद्र है।
पानपीत में
सस्ती दरियां और कंबल रैग्स से बनाई जाती हैं। रैग्स यानी पुराने कपड़े को मशीन से
कुतर कर उनसे धागा बनाया जाता है फिर उनसे कंबल और दरियां। पूरे देश और विदेशों
में भी बड़ी संख्या में इन उत्पादों की पानीपत से सप्लाई है। वैसे अगर सडक से
पानीपत जाएं तो आपको यहां के पंचरंगा अचार के बारे में भी काफी कुछ देखने के मिल
जाएगा। मेन जीटी रोड पर सबसे ज्यादा पंचरंगा अचार की ही दुकाने हैं। हालांकि शहर
में जीटी रोड के ऊपर लंबा फ्लाईओवर बन जाऩे से इन दुकानों की रौनक खत्म हो गी है।
पानीपत में इंडियन आयल की बड़ी रिफायनरी भी है। इसका रास्ता शहर से दक्षिणी छोर से
पूरब की ओर जाता है।
-विद्युत
प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
( PANIPAT, HARYANA, PICKLE, RAM MOHAN SAINI, RICE, DARI )
No comments:
Post a Comment