दक्षिण के पंचभूत स्थलों में एक - कांचीपुरम का एकंबरनाथ मंदिर तमिलनाडु के पंचभूत स्थलम के पांच पवित्र शिव मंदिरों में से एक है। यह धरती तत्व का प्रतिनिधित्व करता है। इस श्रेणी के शेष चार और प्रतिष्ठित शिव मंदिरों में चिदंबरम नटराज (आकाश), थिरूवन्नामलाई अरूणाचलेश्वर (अग्नि), थिरूवनाईकवल जम्बुकेश्वर (जल) और कालहस्ती नाथर (वायु) माने जाते हैं।
विशाल 11 मंजिला मंदिर - कांचीपुरम का एकंबरनाथ का मंदिर कुल 11 मंजिलों का है। यह मंदिर दक्षिण भारत के सबसे ऊंचे मंदिरों में एक है। मंदिर में आने वाले श्रद्धालु इसकी विशालता देखकर मुग्ध हो जाते हैं। मंदिर में बहुत आकर्षक मूर्तियां देखी जा सकती हैं। साथ ही यहां का 1000 स्तंभों वाला का मंडपम भी खासा लोकप्रिय है।
विशाल गोपुरम - मंदिर में प्रवेश करने के साथ ही इसका विशाल
गोपुरम श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। मंदिर में विजयनगर के राजा कृष्णदेव राय की
ओर से बनवाया गया यह राजा गोपुरम या मुख्य प्रवेश द्वार 59 मीटर ऊंचा है।
जब आप मंदिर के मुख्य चौबारे में प्रवेश करते हैं तो विशाल
गलियारा आपका स्वागत करता है। इसके दोनों तरफ की नक्काशी देखते ही बनती है। गलियारे के दोनों तरफ देवी देवताओं की आकर्षक मूर्तियां निर्मित की गई हैं। मंदिर
परिसर में ऐसे कुल पांच बड़े गलियारे निर्मित किए गए हैं।
गैर हिंदूओं का प्रवेश निषेध- मंदिर के गलियारे में एक सीमा के बाद एक बोर्ड मिलता है जिस पर लिखा है कि यहां से आगे गैर हिंदुओं का प्रवेश निषेधित है। मंदिर में अंग्रेजी में लिखा है। खास तौर विदेशी नागरिकों के लिए। यहां लिखा है- अपनी धार्मिक परंपराओं का सम्मान करते हुए इस सीमा के बाद गैर हिंदू लोगों के लिए प्रवेश की अनुमति नहीं है। आप यहीं तक मंदिर के वास्तु शिल्प का आनंद लें।
NOTICE FOREIGNERS - OUR TRADITONAL CUSTOMS AND USAGE DOES NOT PERMIT NON HINDUS TO INTER THE SANCTUM. PLEASE ENJOY THE TEMPLES BEAUTY UPTO THIS LIMIT. DONT FOCUS YOUR CAMERAS TOWARDS THE SANCTUM. हां, हिंदू लोग पूरे मंदिर का मुआयना कर सकते हैं।
गैर हिंदूओं का प्रवेश निषेध- मंदिर के गलियारे में एक सीमा के बाद एक बोर्ड मिलता है जिस पर लिखा है कि यहां से आगे गैर हिंदुओं का प्रवेश निषेधित है। मंदिर में अंग्रेजी में लिखा है। खास तौर विदेशी नागरिकों के लिए। यहां लिखा है- अपनी धार्मिक परंपराओं का सम्मान करते हुए इस सीमा के बाद गैर हिंदू लोगों के लिए प्रवेश की अनुमति नहीं है। आप यहीं तक मंदिर के वास्तु शिल्प का आनंद लें।
NOTICE FOREIGNERS - OUR TRADITONAL CUSTOMS AND USAGE DOES NOT PERMIT NON HINDUS TO INTER THE SANCTUM. PLEASE ENJOY THE TEMPLES BEAUTY UPTO THIS LIMIT. DONT FOCUS YOUR CAMERAS TOWARDS THE SANCTUM. हां, हिंदू लोग पूरे मंदिर का मुआयना कर सकते हैं।
आम के वृक्ष से प्रकट हुए थे महादेव - मंदिर परिसर में एक आम का वृक्ष है। इसे 3500
साल पुराना बताया जाता है। कहा जाता है कि इसी वृक्ष के नीचे पार्वती ने शिव को
पाने के लिए कठोर तप किया था। शिव प्रसन्न होने के बाद आम्र वृक्ष में प्रकट हुए
इसलिए उनका नाम एकअंब्रेश्वर पड़ा। यानी आम वृक्ष के देवता। तो ये हैं एकंबरनाथ महादेव।
आम के इस पेड़ के तने को काटकर मंदिर में धरोहर के रूप में रखा गया है। मंदिर परिसर में स्थित आम के वृक्ष को भी श्रद्धालु नमन करते हैं। तमिलनाडु के कांचीपुरम में इस छठी शताब्दी के मंदिर को पंचभूत स्थलम के पांच पवित्र शिव मंदिरों में से एक का दर्जा प्राप्त है और इनमें यह धरती तत्व का प्रतिनिधित्व करता है।
आम के इस पेड़ के तने को काटकर मंदिर में धरोहर के रूप में रखा गया है। मंदिर परिसर में स्थित आम के वृक्ष को भी श्रद्धालु नमन करते हैं। तमिलनाडु के कांचीपुरम में इस छठी शताब्दी के मंदिर को पंचभूत स्थलम के पांच पवित्र शिव मंदिरों में से एक का दर्जा प्राप्त है और इनमें यह धरती तत्व का प्रतिनिधित्व करता है।
एक हजार स्तंभ और शिवलिंगम - एकंबरनाथ मंदिर का एक मुख्य आकर्षण अविराम काल मंडपम भी है, जिसमें कुल एक हजार स्तंभ हैं। इसमें भ्रमण करते हुए इसकी भव्यता में
श्रद्धालु खो जाते हैं। देश में शायद ही कोई मंदिर इतना विशाल हो।
मंदिर की भीतरी प्रांगण की दीवारों के साथ साथ 1008 शिवलिंगम भी स्थापित किए गए हैं जो मंदिर की दूसरी प्रमुख भव्यता है। इतने शिवलिंगम एक साथ किसी भी दूसरे मंदिर में नहीं हैं। मंदिर परिसर में एक सुंदर सरोवर भी है। इस सरोवर के बीच में एक गणेश की प्रतिमा है।
मंदिर की भीतरी प्रांगण की दीवारों के साथ साथ 1008 शिवलिंगम भी स्थापित किए गए हैं जो मंदिर की दूसरी प्रमुख भव्यता है। इतने शिवलिंगम एक साथ किसी भी दूसरे मंदिर में नहीं हैं। मंदिर परिसर में एक सुंदर सरोवर भी है। इस सरोवर के बीच में एक गणेश की प्रतिमा है।
कांचीपुरम इडली - इस मंदिर का अदभुत प्रसाद है कांचीपुरम इडली। यह दक्षिण भारत के अन्य इडली से भिन्न है। कांचीपुरम इडली एक परंपरागत रेसिपी है जो कि कांचीपुरम, तमिलनाडु में काफी प्रसिद्ध है। यह कांचीपुरम इडली वहां पर मंदिरों में प्रसाद के रूप में बांटी जाती है। इसे आप एकंबरनाथ मंदिर के काउंटर से प्राप्त कर सकते हैं।
यह कांचीपुरम इडली काफी जगह दूसरे इलाकों में भी खाई जाती है। यह इडली आम इडली की तरह फीकी और सादी नहीं होती। बल्कि यह काफी स्वाद से भरी होती है। एकबंरनाथ मंदिर के काउंटर पर इडली के अलावा खीर और अन्य प्रसाद भी प्राप्त किए जा सकते हैं। पहले कुछ साथियों से सुना था कांची इडली के बारे में। तो हमने भी मंदिर परिसर में बैठकर कांची इडली का स्वाद लिया।
एंकबरनाथ मंदिर में भी दूसरे शिव मंदिरों की तरह महादेव के वाहन नंदी की प्रतिमा स्थापित की गई है। पर पत्थरों की बनी इस नंदी प्रतिमा को रंग कर और सुंदर रूप प्रदान कर दिया गया है। नदी के गले में कई किस्म की मालाएं सुशोभित हो रही हैं।
खुलने का समय - एकंबरनाथ मंदिर में सुबह 6 बजे दर्शन
के लिए खुलता है। यह दोपहर 12.30 बजे बंद हो जाता है। दुबारा शाम को 4 बजे खुलता
है। रात्रि 8.30 बजे मंदिर बंद कर दिया जाता है। सुखद बात है कि मंदिर के बोर्ड पर खुलने और बंद होने की सूचना तमिल और अंगरेजी के साथ हिंदी में भी लिखी गई है। हर साल मार्च अप्रैल में मनाया जाने वाला
फाल्गुनी उथीरम इस मंदिर का बड़ा त्योहार होता है।
Dearest Esteems,
ReplyDeleteWe are Offering best Global Financial Service rendered to the general public with maximum satisfaction,maximum risk free. Do not miss this opportunity. Join the most trusted financial institution and secure a legitimate financial empowerment to add meaning to your life/business.
Contact Dr. James Eric Firm via
Email: fastloanoffer34@gmail.com
Whatsapp +918929509036
Best Regards,
Dr. James Eric.
Executive Investment
Consultant./Mediator/Facilitator
धन्यवाद
Delete