दार्जिलिंग
हिमालयन रेलवे ने हिंदी फिल्मकारों को हमेशा लुभाया है। श्वेत श्याम से लेकर रंगीन
जमाने तक, तमाम फिल्मों में इसकी शूटिंग देखी जा सकती है। अगर
आपको राजेश खन्ना शर्मिला टैगोर की फिल्म अराधना का लोकप्रिय गीत याद हो- मेरे सपनों की रानी कब
आएगी तू....तो आपको याद आ जाएगी कि ये गीत दार्जिलिंग जाने वाली टॉय ट्रेन के साथ
साथ फिल्माया गया है। गीत में राजेश खन्ना के साथ सुजीत कुमार खुली हुई जीप जा रहे
हैं। वे गीत गा रहे हैं जबकि अभिनेत्री दार्जिलिंग की टाय ट्रेन से आ रही है।
यह पूरा गीत सफर में चलता है। ये गीत टाय ट्रेन के श्रेष्ठ गीतों में
हैं। गीत अपने जमाने में खूब हिट भी हुआ था। गाने की शूटिंग दार्जिलिंग और
सिलिगुड़ी के बीच कार्सिंयांग रेलवे स्टेशन के आसपास हुई है। गाने में पहाड़ के बल
खाते रास्तों का सौंदर्य खूब उभर कर आया है। जितना फिल्म हिट हुई गाना भी उसके
बराबर ही बजता रहा। आज भी रोमानी गीतों में इस गाने को काफी उपर रखा जाता है।
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फिल्म हमराज में दार्जिलिंग रेलवे स्टेशन |
एक और फिल्म है राजकुमार और सुनील दत्त की हमराज जिसका एक बहुत प्यारा दृश्य दार्जिलिंग रेलवे स्टेशन पर फिल्माया गया
है। 1967 में आई इस फिल्म में जब सुनील दत्त दार्जिलिंग
छोड़कर मुंबई के लिए जा रहे थे, तब अभिनेत्री विम्मी से उनकी
आखिरी मुलाकात का दृश्य दार्जिलिंग रेलवे स्टेशन पर फिल्माया गया है।यह फिल्म का
बड़ा ही भावुक दृश्य है। जो कहानी को एक नया मोड़ प्रदान करता है। इसी फिल्म के गीत नीले गगन के तले...में भी डीएचआर के लोकोमोटिव पर अभिनेता राजकुमार के साथ अभिनेत्री को देखा
जा सकता है।
अब थोड़ा पीछे चलते
हैं। 1961 में आई किशोर कुमार की फिल्म झुमूरू में टाइटिल सांग ही टाय ट्रेन पर फिल्माया गया है। श्वेत श्याम फिल्म की
कास्टिंग मैं हूं झूम झूम झुमरू...गीत के साथ आरंभ होती है। किशोर कुमार की
खूबसूरत फिल्मों में से एक है झुमरू। इस फिल्म के लेखक भी किशोर कुमार ही थे। अदाकारी के लिहाज से यह किशोर कुमार की बेहतरीन फिल्मों में गिनी जाती है।

परिणिता में फिर दिखी टॉय ट्रेन - कई सालों
बाद एक बार फिर हिन्दी फिल्मों में दार्जिलिंग का सौन्दर्य देखने को मिला 2005 में
आई फिल्म परिणिता में। शरतचंद्र की कहानी पर बनाई गई प्रदीप सरकार की इस खूबसूरत
फिल्म का एक गाना ट्रेन पर फिल्माया गया है। सैफ अली खान की परिणिता में एक गीत ये हवाएं...टाय ट्रेन के साथ चलता है। साल 1992 में आई
शाहरुख खान की एक राजू बन गया जेंटिलमैन भी में इस खिलौना ट्रेन को देखा जा सकता है। इस
कामेडी फिल्म का चरित्र राजू दार्जिलिंग से मुंबई इंजीनियर बनने आता है।
अब 1970 में
आई राजकपूर की कालजयी फिल्म मेरा नाम जोकर का पहला भाग याद करें। स्कूल के दृश्य के साथ थी
दार्जिलंग की रेल। गर्मी की छुट्टी होने पर सारे बच्चे बोर्डिंग स्कूल से अपने
अपने घर चले जाते हैं। फिर वे वापस आते हैं। राजू इन बच्चों का का और अपनी खूबसूरत
मैडम का फूल लेकर ले स्वागत करता है। हाल के सालों में आई एक अंग्रेजी फिल्म दार्जिंलिंग लिमिटेड में भी इस
टॉय ट्रेन को बड़ी खूबसूरती से फिल्माया गया है। इसके अलावा दर्जनों बांग्ला
फिल्मों की शूटिंग दार्जिलिंग की टाय ट्रेन में हुई है।
साल 2016 के जुलाई में आई फिल्म इश्क क्लिक की शूटिंग दार्जिलिंग में हुई थी। इसमें दार्जिलिंग हिमालयन रेल और चाय बगान के नजारे देखे जा सकते हैं। फिल्म की शुरुआत और क्लाइमेक्स दृश्य दार्जिलिंग के हैं। फिल्म में अध्ययन सुमन मुख्य भूमिका में हैं।
साल 2016 के जुलाई में आई फिल्म इश्क क्लिक की शूटिंग दार्जिलिंग में हुई थी। इसमें दार्जिलिंग हिमालयन रेल और चाय बगान के नजारे देखे जा सकते हैं। फिल्म की शुरुआत और क्लाइमेक्स दृश्य दार्जिलिंग के हैं। फिल्म में अध्ययन सुमन मुख्य भूमिका में हैं।
( DHR, DARJEELING HIMALAYAN RAILWAY )
अभिनेत्री दार्जिलिंग की टाय ट्रेन से आ रही है। in fact that was studio shot - Bombay . its not real train scene . Rajesh Khanna/ Surjit real train shot
ReplyDeleteबिल्कुल सही कहा आपने
Deleteअभिनेत्री दार्जिलिंग की टाय ट्रेन से आ रही है। in fact that was studio shot - Bombay . its not real train scene . Rajesh Khanna/ Surjit real train shot
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